गैंगस्टर ने जेल से बेच दी लग्जरी गाड़ी, सवालों के घेरे में RTO; एसएसपी ने बिठाई जांच
The gangster sold the car from jail
The gangster sold the car from jail: गोरखपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां डिविजनल जेल में बंद गैंगस्टर ने जेल में रहते हुए खेल कर दिया. उसने जब्ती की कार्रवाई से बचने के लिए जेल के अंदर से ही अपनी 45 लाख की फॉर्च्यूनर कार बेच दी. प्रकरण में आरटीओ भी जांच के घेरे में है. शिकायत मिलने पर एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं.
सूत्रों के मुताबिक बिहार के मोतिहारी जिले का रहने वाला विकास कुमार सिन्हा सात साल पहले गोरखपुर आया था. वह शुरुआत में शाहपुर थाना क्षेत्र के शालिग्राम मोहल्ले में किराए के मकान में रहता था और दवाओं का व्यवसाय करता था.
अस्पतालों से संपर्क होने के बाद विकास ने जेल के पास पादरी बाजार में अस्पताल खोल लिया. व्यवसाय में हिस्सेदार बनाने के नाम पर लोगों से पैसा हड़पने लगा और कोई अगर विरोध करता तो महिलाओं ने झूठे रेप केस में फंसवाने की धमकी देता. इसी बीच उसकी मुलाकात गोरखपुर के ही चक्सा हुसैन निवासी इम्तियाज से हुई. उससे भी व्यापार व अस्पताल में हिस्सेदारी के लिए 10 लाख रुपए ले लिए, लेकिन पार्टनर नहीं बनाया.
5 झूठे मुकदमे कराए दर्ज
ऐसे मैं जब चक्सा हुसैन ने अपने रुपए वापस मांगे तो उनके खिलाफ कुछ महिलाओं को खड़ा करके छेड़खानी, पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धारा समेत कुल पांच मुकदमे दर्ज करवा दिए. पैसा देने के बाद मुकदमा में फंसने के चलते इम्तियाज उससे खुद को बचाने के लिए गुहार लगाने लगे. विकास केस खत्म करने के बदले में उनसे 50 लाख रुपए मांगने लगा. ऐसे में इम्तियाज की पत्नी सैबा अनवर सामने आईं और उन्होंने मामले में तीन साल तक पैरवी की. उसने सारे साक्ष्यों व प्रमाणों को एकत्र कर पुलिस को सौंपा. इसके बाद विकास की सच्चाई सामने आई. अक्टूबर 2023 में पुलिस ने उसके खिलाफ रंगदारी और लोगों पर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने के मामले में केस दर्ज किया और उसे जेल भेज दिया.
किसने की गाड़ी बेचने की शिकायत
सैबा ने इसके बाद भी उसके खिलाफ लड़ाई जारी रखी. उन्होंने ही जेल से गाड़ी बेचने की एसएसपी से शिकायत की है. उन्होंने शिकायती पत्र में पुलिस को बताया है कि विकास जेल में रहते हुए भी अपनी 45 लाख की फॉर्च्यूनर कार बेच दी है. ऐसे में आरटीओ विभाग के कर्मचारी भी जांच के घेरे में आएंगे. फिलहाल पुलिस ने जिलाधिकारी के अनुमोदन मिलने के बाद विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में बीते सात मई से विकास दोबारा जेल में है. इस काम में सहयोग करने के चलते उसकी पत्नी रेखा सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
जांच के निर्देश
आरटीओ प्रवर्तन संजय कुमार झा ने बताया कि गाड़ी ट्रांसफर के लिए बेचने वाले को फार्म 29-30 पर अपना कंसर्ट देना होता है. अगर कोई जेल में बंद है तो जेलर से संपर्क कर प्रक्रिया के अनुसार मांग करेगा. आरटीओ कार्यालय को जेलर इसकी सूचना देंगे और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी. फिलहाल जेल से गाड़ी के स्थानांतरण के लिए कोई भी मांग पत्र नहीं मिला है. इस संबंध में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि जेल से ही गैंगस्टर द्वारा गाड़ी बेचने की शिकायत मिली है. इसकी जांच करवाई जा रही है. जांच के दौरान जो भी इस प्रक्रिया में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.